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बहाली के लिए ‘बवाल’ क्यों जरूरी हर बार?

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  एक तरफ जहां छठे चरण के तहत नियुक्ति पत्र हासिल करने के लिए 42 हजार बेरोजगारों को 32 महीने का लंबा इंतजार करना पड़ा। इस नियुक्ति पत्र के लिए भी कई बार धरना प्रदर्शन देना पड़ा, लाठियां खानी पड़ी। वहीं दूसरी तरफ 3 साल के इंतजार के बाद भी 90 हजार अभ्यर्थी धरने पर बैठने को मजबूर हैं। पटना के गर्दनीबाग में धरने पर बैठे ये वो बेरोजगार हैं, जो पिछले 3 सालों से एक अदद नौकरी के इंतजार में हैं। CTET-BTET पास करीब 90 हजार की संख्या में ऐसे अभ्यर्थी हैं जिन्हें पिछले 3 सालों से बहाली प्रक्रिया के लिए सिर्फ आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला है। ये अभ्यर्थी सातवें चरण के विज्ञापन निकालने और बहाली की प्रक्रिया जल्द शुरु करने की मांग कर रहे हैं। जिसके बाद मजबूरन इन्हें गर्दनीबाग में अपनी आवाज़ बुलंद करने के लिए धरना देना पड़ रहा है। अभ्यर्थी अगर मार्च में ही सातवें चरण के नोटिफिकेशन की मांग कर रहे हैं तो इसके पीछे वजह है शिक्षा विभाग से मिले बार-बार आश्वासन। ज़रा अखबारों में छपी शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के हवाले से छपी खबरों पर गौर कीजिए। कभी जनवरी-फरवरी तो कभी जल्द तो कभी मार्च में सातवें चर...

बिना प्रदर्शन के बहाली के लिए सिस्टम की नींद क्यों नहीं खुलती है?

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  बिहार में किसी बहाली को लेकर सिस्टम बिना विरोध प्रदर्शन और बवाल के क्यों नहीं जागता है ? आखिर क्यों बार-बार अभ्यर्थियों को पटना आकर धरना प्रदर्शन और हंगामा करने पर मजबूर होना पड़ता है। क्या बिना हंगामा और विरोध प्रदर्शन के कोई बहाली पूरी नहीं हो सकती है। खास तौर पर शिक्षक बहाली को लेकर तो मानो बिना हंगामे और विरोध प्रदर्शन के सिस्टम की नींद नहीं खुलती है। छठे चरण के प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 32 महीने का इंतजार करना पड़ा। कई बार पटना में विरोध प्रदर्शन और हंगामा हुआ, अभ्यर्थियों को लाठियां भी खानी पड़ी। हर हंगामे के बाद नियुक्ति की तारीख पर तारीख मिलती रही, अब जाकर 32 महीने बाद छठे चरण के तहत 42 हजार शिक्षक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिल रहा है। वहीं माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक का सपना संजोए 32 हजार अभ्यर्थियों को झटका लगा, जब कोर्ट के आदेश का हवाला देकर आखिरी वक्त में नियुक्ति पर रोक लगा दी गई। अब सातवें चरण की बहाली को लेकर तीन साल से 90 हजार अभ्यर्थी इंतजार कर रहे हैं, 2019 में सीटेट और बीटेट पास 90 हजार शिक्षक अभ्यर्थी हैं ,  जो तीन साल से शिक्षक बनने का...

बहाली, बवाल और सवाल : सिस्टम के ‘MERIT’ के खेल में फंसे STET उम्मीदवार? शिक्षक बहाली में विवाद क्यों होता है बार-बार?

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ये दोनो तस्वीरें बिहार में शिक्षक बहाली से जुड़ी हुई हैं। एक में अभ्यर्थियों को 32 महीने के इंतजार के बाद नियुक्ति पत्र मिल रहा है और उनके चेहरे पर खुशी है। जबकि दूसरी तस्वीर में भी शिक्षक अभ्यर्थी हैं, जो STET 2019 की परीक्षा में पास हुए और सड़क पर प्रदर्शन और लाठी खाने को मजबूर है।   सवाल है कि आखिर शिक्षक बहाली में आखिर इतना झोल क्यों हो जाता है। क्यों किसी बहाली के लिए अभ्यर्थियों को बार-बार प्रदर्शन और हंगामा करना पड़ता है। आखिर STET 2019 के अभ्यर्थी क्यों सड़क पर उतरने को मजबूर हैं? इन सवालों का जवाब समझने के लिए थोड़ा पीछे चलते हैं और कैसे इन अभ्यर्थियों को अलग-अलग बयानों और बातों के ज़रिए गुमराह किया जाता रहा।  12 मार्च को STET 19 के रिजल्ट के बाद छपी खबर तारीख-12 मार्च 2021 STET 19के 12 विषयों का रिजल्ट जारी पेपर 1 और 2 में24,599 अभ्यर्थी हुए सफल 37 हजार रिक्तियों के मुकाबले 24,599 सफल अभ्यर्थी ‘सभी पास अभ्यर्थियों को नौकरी का भरोसा’ STET 2019 का रिजल्ट 12 मार्च 2021 को जारी किया गया था। 15 में 12 विषयों का रिजल्ट जारी किया गया। जिसमें पेपर 1 और पेपर 2 में कुल 24,599 ...