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जिस IAS के लिए जेडीयू दफ्तर में जिंदाबाद के नारे लगे थे, जिसे नीतीश के सिपहसालार ने माला पहनाया था, जिसे नीतीश ने चुनाव लड़वाया था, आज सीबीआई ने सृजन घोटाले में उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी

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2000 करोड़ के सृजन घोटाले में चार्जशीट, 5 करोड़ से ज्यादा के महादलित विकास मिशन के ट्रेनिंग घोटाले में चार्जशीट, भूमि विवाद न्यायधिकरण में सदस्य रहते हुए विवादित फैसले, कई बार गिरफ्तारी वारंट, फिर भी एक बार जेल नहीं गए के पी रमैया 6 साल पहले 4 मार्च 2014 की तस्वीर शायद ही आपको याद हो, लेकिन इस तस्वीर को ज़रा गौर से देखिए और चेहरों को पहचानिए। पटना स्थित जेडीयू कार्यालय की इस तस्वीर में जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, प्रवक्ता संजय सिंह, मंत्री श्याम रजक, प्रवक्ता राजीव रंजन नज़र आ रहे होंगे। और वशिष्ठ नारायण सिंह के ठीक बगल में जो शख्स बैठे हैं और जिन्हें माला पहनाया जा रहा है वो हैं के पी रमैया, बिहार के पूर्व IAS अधिकारी। ये उस वक्त की तस्वीर है, जब के पी रमैया VRS लेकर जेडीयू ज्वाइन किया था और पूरे ताम झाम के साथ जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने ना सिर्फ स्वागत किया था, बल्कि के पी रमैया जिंदाबाद के नारे भी लगे थे और फिर वशिष्ठ बाबू ने के पी रमैया के IAS रहते हुए किए काम की तारीफों के पुल भी बांधे थे ज़रा वो भी सुनिए। इसके बाद के पी रमैया को नीतीश ने 2014 ...

बिहार में बेरोजगारों की फौज पहले से 38 प्रतिशत बढ़ी , प्रवासी मजदूरों को कहां से मिलेगा रोजगार?

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24 मई को एक क्वारंटीन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूरों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान संवाद के दौरान नीतीश कुमार को मजदूर ने कहा था, नून रोटी खाएंगे, बिहार में रहेंगे, तो जवाब में नीतीश ने भी कहा कि ठीक है, यहीं रहना है। लेकिन सवाल है कि उन मजदूरों को नून रोटी खाने के लिए भी क्या रोजगार मिल पाएगा। ये सवाल इसीलिए क्योंकि बिहार में पहले से ही बेरोजगारों की फौज खड़ी है, जिसे रोजगार देने में सरकार नाकाम रही, तो अब बाहर से लौटे इन 30 लाख मजदूरों को कहां से रोजगार देगी। क्योंकि बेरोजगारी के जो ताजा आंकड़े सामने आए हैं, वो कम से कम यही बताते हैं कि बिहार में रोजगार छोड़िए, नून रोटी पर भी आफत आ जाएगी। खास तौर पर तब जब बेरोजगारी की बोझ तले बिहार में करीब 30 लाख प्रवासी मजदूर भी लौट आए हैं और वो भी रोजगार की आस में नीतीश की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं। तो सबसे पहले वो आंकड़े बताते हैं जिसके बारे में शायद अब तक आपको किसी ने नही बताया हो। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इकोनॉमी यानी CMIE ने अप्रैल 2020 का बेरोजगारी का आंकड़ा पेश किया है। उसके मुताबिक बिहार में बेरोजगारी के आंकड़ों में पिछले दो सालों में 40.2 प्...