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शराब पीने वालों को नहीं होगी जेल ! सुप्रीम कोर्ट की फटकार का असर तो नहीं?

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  ‘’ शराब पीने वाला हैवान बन जाता है। ‘’ सीएम नीतीश कुमार समाज सुधार अभियान के दौरान अपने हर भाषण में ये बात कहते हैं और शराब पीने वालों को जमकर कोसते हैं। दूसरी तरफ पूर्ण शराबबंदी की सफलता के लिए ड्रोन से लेकर हेलीकॉप्टर तक स्वान दस्ता से लेकर आतंकवाद निरोधक दस्ता तक लगाए गए हैं। लेकिन इसी शराबबंदी में अब शराब पीने वालों को जेल नहीं होगी। जी हां आपने सही सुना। शराब पीते हुए अगर कोई पकड़ा जाता है, तो उसे जेल नहीं होगी। लेकिन एक शर्त है। उत्पाद आयुक्त कृष्ण कुमार सिंह दरअसल मद्य निषेध और उत्पाद विभाग ने एक बड़ा फैसला लिया है। .शराब पीकर पकड़े जाने पर आरोपी अगर पुलिस की मदद करेगा तो उसे जेल नहीं जाना पड़ेगा। सोमवार को उत्पाद आयुक्त कृष्ण कुमार सिंह ने बताया कि अगर कोई शख्स शराब पीकर पकड़ा जाता है, और उसकी निशानदेही पर अगर शराब की बरामदगी होती है और शराब तस्कर पकड़ा जाता है तो विभाग शराब पीने वाले को कानूनी प्रक्रिया के तहत सहायता देगा और जेल भी नहीं जाना पड़ेगा। इस फैसले पर सियासत भी शुरू हो गई। कांग्रेस ने कहा है कि सरकार पूरी तरह कंफ्यूज हो गई है और शराबबंदी कानून इनके लिए गले की...

बिहार:- शिक्षा बजट में कंजूसी ! बहाल होने वाले सवा लाख शिक्षकों को वेतन कैसे देगी सरकार?

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  एक तरफ तो शिक्षा मंत्री विजय चौधरी सवा लाख शिक्षकों की नियुक्ति की तैयारी का दावा कर रहे हैं। छठे चरण के बाद सातवें चरण के तह नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द शुरु करने का दावा है। लेकिन सवाल है कि क्या नए बहाल होने वाले सवा लाख शिक्षकों के लिए सरकार के पास बजट है। सवाल के जवाब के लिए लोगों की नज़रें टिकी थीं सोमवार को पेश हुए बजट पर और जब बजट पेश किया गया तो सवाल के जवाब में निराशा ही हाथ लगी। सोमवार को वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बजट आकार में 19 हज़ार करोड़ की बढ़ोतरी के साथ 2 लाख 37 हज़ार 691 करोड़ का बजट पेश किया गया। वैसे तो 6 सूत्री लक्ष्यों को फोकस करते हुए बजट को बताया गया, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, समाज कल्याण और आधारभूत सरंचना शामिल है। लेकिन आंकड़ों की बाजीगरी और खेल में वित्त मंत्री ने ये नहीं बताया कि वो नए नियुक्त शिक्षक और आने वाले दिनों में नियुक्त होने वाले सवा लाख शिक्षकों को वेतन कहां से देंगे ? ये सवाल इसीलिए क्योंकि हर साल की तरह इस साल भी भले ही बजट का सबसे ज्यादा हिस्सा शिक्षा पर खर्च किया जाएगा। लेकिन ये सुनने में सिर्फ अच्छा लगता है। हकीकत में पिछले स...

7 वें चरण की बहाली पर खामोश क्यों है सरकार?

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2019 में सीटेट और बीटेट पास 90 हजार शिक्षक अभ्यर्थी हैं ,  जो तीन साल से शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं। सिस्टम की गलतियों के कारण छठे चरण में इन्हें मौका नहीं मिल पाया। महज 11 दिनों के अंतर से छठे चरण में इन्हें मौका नहीं मिल पाया। क्योंकि छठे चरण के नोटिफिकेशन निकलने के 11 दिन बाद सीटेट का रिजल्ट निकला। अब अभ्यर्थी  सातवें चरण की बहाली का इंतजार कर रहे हैं।  वैसे तो बिहार में कोई भी बहाली बिना बवाल और सवाल के नहीं पूरी होती है। लेकिन शिक्षक बहाली और बवाल का तो मानो चोली दामन का रिश्ता हो गया है। छठे चरण की बहाली 32 महीने बाद पूरी हो रही है और लंबी लड़ाई के बाद 42 हजार अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिल रहा है। लेकिन अभी भी हजारों अभ्यर्थी हैं , जो 3 साल से लड़ाई लड़ रहे हैं और सड़क पर लाठियां खाने को मजबूर हैं। 2019 में सीटेट और बीटेट पास 90 हजार शिक्षक अभ्यर्थी हैं , जो तीन साल से शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं। सिस्टम की गलतियों के कारण छठे चरण में इन्हें मौका नहीं मिल पाया। महज 11 दिनों के अंतर से छठे चरण में इन्हें मौका नहीं मिल पाया। क्योंकि छठे चरण के नोटिफिकेशन न...

शराबबंदी के लिए सीएम का ‘समाज सुधार’, शराबबंदी पर ‘सुप्रीम’ सवाल लगातार

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शराबबंदी को लेकर सीएम नीतीश कुमार लगातार समाज सुधार अभियान पर है। बिहार के हर जिले में जाकर नीतीश शराबबंदी के फायदे गिना रहे हैं और शराबबंदी के विरोध करने वालों को कोसते हैं। वहीं शराबबंदी की सफलता के लिए मद्य निषेध विभाग को ड्रोन से लेकर हेलीकॉप्टर तक मुहैया कराए गए हैं। बिहार में शराब की एक बूंद भी कहीं ना मिले, शराब का कोई धंधा ना हो। इसके लिए सरकार ने पूरी मशीनरी झोंक दी है। स्वान दस्ता से लेकर आतंकवाद निरोधक दस्ता तक। ड्रोन से लेकर हेलीकॉप्टर तक। सबकुछ शराब के खिलाफ अभियान में लगाया गया है। लेकिन सीएम नीतीश के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर सुप्रीम कोर्ट लगातार सवाल उठा रहा है और बार-बार बिहार सरकार को फटकार लगा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने एकबार फिर बिहार में शराबबंदी पर सवाल उठाया है और नीतीश सरकार से कहा-पूछा किस आधार पर की थी शराबबंदी ? शराबबंदी कानून के उल्लंघन के एक आरोपी की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस संजय किशन कौल और एमएम सुंदरेश की पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट के लगभग हर बेंच में बिहार में शराबबंदी कानून से जुड़ी याचिकाएं हैं. इसलिए हमें यह जानना जरुरी है कि क्या बिहार सरकार ने इन का...