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कोरोना के 10 हजार टेस्ट पर ही स्वास्थ्य मंत्री के दावे हो गए फुस्स, सीएम नीतीश दिखा रहे हैं 20 हजार टेस्ट का सपना

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नेताओं के बारे में वैसे कहा जाता है कि उनकी जुबां से निकली बात सिर्फ और सिर्फ जुमला ही होती है। एक बार फिर ये साबित किया है बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने। 5 जून को मंत्री जी ने ट्वीट कर बड़े दमखम से दावा किया था कि 20 जून तक दस हजार जांच की क्षमता का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। लेकिन 20 जून को जब मंत्री जी का ट्वीट खंगाला गया तो खोदा पहाड़ निकला चुहिया वाली कहावत चरितार्थ हो गई। आप खुद देखिए कैसे स्वास्थ्य मंत्री 20 जून को ट्वीट कर कहते हैं कि आज 5600 सैंपल की जांच हुई वो भी लगभग में।  लेकिन इसमें भी मंत्री जी को अपनी उपलब्धि नज़र आ रही है। लेकिन हकीकत ये है कि उन्होने जो दावा किया था, वो ना सिर्फ फुस्स हो गया, बल्कि दस हजार के लक्ष्य से करीब आधे ही रहा। अब पता नहीं मंत्री जी किस मुख से दोबारा दावा करेंगे। लेकिन मामला यहीं नहीं खत्म होता है। बिहार के सुशासन में इतना गड़बड़झाला है कि स्वास्थ्य मंत्री दस हजार के लक्ष्य से आधे पर ही फुस्स हो जा रहे हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं कि ना सिर्फ पीएम के सामने ये दावा करते हैं कि दस हजार टेस्ट हर रोज हो रहे हैं, बल्कि वो...

...तो सीएम नीतीश ने बिहार में कोरोना टेस्ट को लेकर पीएम मोदी से झूठ बोला? कोरोना टेस्ट को लेकर स्वास्थ्य मंत्री के दावे भी झूठे हैं?

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12 मई का बिहार के सीएम नीतीश कुमार का ये ट्वीट देखिए और 12 मई को समीक्षा बैठक में सीएम  के दिए निर्देशों को पढ़िए। साफ लिखा है कि सीएम ने अधिकारियों को बिहार भर में हर रोज कोरोना के टेस्ट की संख्या दस हजार तक पहुंचाने का निर्देश दिया है। लेकिन क्या सीएम के उस निर्देश का पालन एक महीने से ज्यादा बीत जाने के बाद भी हुआ। क्या सीएम नीतीश खुद अपने दिए गए निर्देशों को लेकर गंभीर हैं?  ये सवाल इसीलिए क्योंकि 17 जून को सीएम नीतीश ने पीएम मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में कोरोना को लेकर समीक्षा बैठक की। इस बैठक में बिहार को लेकर सीएम नीतीश ने दावे किए कि बिहार में हर रोज कोरोना के दस हजार टेस्ट किए जा रहे हैं, जो कई अखबारों में भी छपी। लेकिन क्या सीएम नीतीश ने पीएम मोदी के सामने सही दावा किया, या झूठ बोला? ये सवाल क्योंकि पीएम के सामने सीएम के दस हजार टेस्ट के दावे के अगले ही दिन बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का दावा ट्विटर पर आता है, जिसमें वो 18 जून यानी एक दिन में 5 हजार टेस्ट होने का दावा करते हैं।  तो क्या माना जाए सीएम नीतीश न...

...तो वोटबैंक की वजह से हुआ बिहार के स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार का तबादला !

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संजय कुमार, ये वो नाम है जो 20 मई को अचानक बिहार के गलियारे में चर्चा का विषय बन गया। ईमानदार और कर्मठ अधिकारियों की फेहरिस्त में बड़ा नाम माना जाता है संजय कुमार को। लेकिन बिहार में एक तरफ जहां कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे थे ,  ठीक उसी दौरान स्वास्थ्य सचिव के तौर पर जिम्मेदारी संभाल रहे संजय कुमार के तबादले की खबर ने सबको हैरान कर दिया। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार का तबादला पर्यटन विभाग में कर दिया। संजय कुमार ने खुद ट्विटर पर इसकी सूचना 21 मई को साझा करते हुए 100 बेड के  SKMCH  अस्पताल मुजफ्फपुर की तस्वीर पोस्ट की और जाते-जाते इसे अपनी उपलब्धियों में जोड़ लिया। इस अस्पताल का उद्घाटन चंद दिनों बाद 6 जून को सीएम नीतीश ने किया।  संजय कुमार के इस विदाई ट्वीट के जवाब में सभी लोगों ने उनके काम को सराहा। साथ ही उनके गंदी राजनीति के शिकार होने की बात कही। इसके अलावा रोजाना कोरोना को लेकर अपडेट को लेकर भी उनकी तारीफ की।  इससे संजय कुमार की लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है। इसके अलावा सीएम नीतीश कुमार के चहेते अधिकारियों में से एक माने जाते थे...