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जून, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

जिस IAS के लिए जेडीयू दफ्तर में जिंदाबाद के नारे लगे थे, जिसे नीतीश के सिपहसालार ने माला पहनाया था, जिसे नीतीश ने चुनाव लड़वाया था, आज सीबीआई ने सृजन घोटाले में उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी

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2000 करोड़ के सृजन घोटाले में चार्जशीट, 5 करोड़ से ज्यादा के महादलित विकास मिशन के ट्रेनिंग घोटाले में चार्जशीट, भूमि विवाद न्यायधिकरण में सदस्य रहते हुए विवादित फैसले, कई बार गिरफ्तारी वारंट, फिर भी एक बार जेल नहीं गए के पी रमैया 6 साल पहले 4 मार्च 2014 की तस्वीर शायद ही आपको याद हो, लेकिन इस तस्वीर को ज़रा गौर से देखिए और चेहरों को पहचानिए। पटना स्थित जेडीयू कार्यालय की इस तस्वीर में जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, प्रवक्ता संजय सिंह, मंत्री श्याम रजक, प्रवक्ता राजीव रंजन नज़र आ रहे होंगे। और वशिष्ठ नारायण सिंह के ठीक बगल में जो शख्स बैठे हैं और जिन्हें माला पहनाया जा रहा है वो हैं के पी रमैया, बिहार के पूर्व IAS अधिकारी। ये उस वक्त की तस्वीर है, जब के पी रमैया VRS लेकर जेडीयू ज्वाइन किया था और पूरे ताम झाम के साथ जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने ना सिर्फ स्वागत किया था, बल्कि के पी रमैया जिंदाबाद के नारे भी लगे थे और फिर वशिष्ठ बाबू ने के पी रमैया के IAS रहते हुए किए काम की तारीफों के पुल भी बांधे थे ज़रा वो भी सुनिए। इसके बाद के पी रमैया को नीतीश ने 2014 ...

....तो क्या बिहार में घोटालों की लिस्ट में एक और घोटाले का नाम जुड़ेगा? MLC के लिए बनाए आवास की हालत तो यही बता रही है

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18 नवंबर 2019 की ये तस्वीर है, जब पूरे तामझाम के साथ बिहार के विधानपार्षदों को आर ब्लॉक इलाके में बनाए गए आलीशान डुप्लेक्स फ्लैट की चाबी खुद सीएम नीतीश कुमार ने दी थी। उस वक्त सीएम के हाथों फ्लैट की चाबी लेने वालों में कांग्रेस MLC प्रेमचंद्र मिश्रा भी थे, जिनके चेहरे पर मुस्कान थी, और सरकार के लिए धन्यवाद के शब्द।  लेकिन 7 महीने बाद ही कांग्रेस एमएलएसी प्रेमचंद्र मिश्रा विधानपार्षदों के लिए बनाए गए इस आलीशान आवास के निर्माण में लूट खसोट का आरोप लगा रहे हैं। वजह हैं ये तस्वीरें। देखिए कैसे पहली बारिश ने ही इस नए और मॉडर्न डुप्लेक्स के निर्माण की पोल खोल दी है... कई आवासों में जगह-जगह दीवारों पर दरार पड़ गए हैं.... हालत ये है कि पहली बारिश में ही छत टपकने लगी है.... बेडरुम से लेकर किचन, डायनिंग हॉल और बाथ रुम तक बारिश के पानी से सुरक्षित नहीं है। कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने घटिया निर्माण को लेकर सवाल उठाए हुए भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखा है, और जांच की मांग की है। अब जान लीजिए विधान पार्षदों के आवास में क्या क्या खासियत है और कितना खर्च हुआ है।  पटना क...

कोरोना के 10 हजार टेस्ट पर ही स्वास्थ्य मंत्री के दावे हो गए फुस्स, सीएम नीतीश दिखा रहे हैं 20 हजार टेस्ट का सपना

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नेताओं के बारे में वैसे कहा जाता है कि उनकी जुबां से निकली बात सिर्फ और सिर्फ जुमला ही होती है। एक बार फिर ये साबित किया है बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने। 5 जून को मंत्री जी ने ट्वीट कर बड़े दमखम से दावा किया था कि 20 जून तक दस हजार जांच की क्षमता का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। लेकिन 20 जून को जब मंत्री जी का ट्वीट खंगाला गया तो खोदा पहाड़ निकला चुहिया वाली कहावत चरितार्थ हो गई। आप खुद देखिए कैसे स्वास्थ्य मंत्री 20 जून को ट्वीट कर कहते हैं कि आज 5600 सैंपल की जांच हुई वो भी लगभग में।  लेकिन इसमें भी मंत्री जी को अपनी उपलब्धि नज़र आ रही है। लेकिन हकीकत ये है कि उन्होने जो दावा किया था, वो ना सिर्फ फुस्स हो गया, बल्कि दस हजार के लक्ष्य से करीब आधे ही रहा। अब पता नहीं मंत्री जी किस मुख से दोबारा दावा करेंगे। लेकिन मामला यहीं नहीं खत्म होता है। बिहार के सुशासन में इतना गड़बड़झाला है कि स्वास्थ्य मंत्री दस हजार के लक्ष्य से आधे पर ही फुस्स हो जा रहे हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं कि ना सिर्फ पीएम के सामने ये दावा करते हैं कि दस हजार टेस्ट हर रोज हो रहे हैं, बल्कि वो...

...तो सीएम नीतीश ने बिहार में कोरोना टेस्ट को लेकर पीएम मोदी से झूठ बोला? कोरोना टेस्ट को लेकर स्वास्थ्य मंत्री के दावे भी झूठे हैं?

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12 मई का बिहार के सीएम नीतीश कुमार का ये ट्वीट देखिए और 12 मई को समीक्षा बैठक में सीएम  के दिए निर्देशों को पढ़िए। साफ लिखा है कि सीएम ने अधिकारियों को बिहार भर में हर रोज कोरोना के टेस्ट की संख्या दस हजार तक पहुंचाने का निर्देश दिया है। लेकिन क्या सीएम के उस निर्देश का पालन एक महीने से ज्यादा बीत जाने के बाद भी हुआ। क्या सीएम नीतीश खुद अपने दिए गए निर्देशों को लेकर गंभीर हैं?  ये सवाल इसीलिए क्योंकि 17 जून को सीएम नीतीश ने पीएम मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में कोरोना को लेकर समीक्षा बैठक की। इस बैठक में बिहार को लेकर सीएम नीतीश ने दावे किए कि बिहार में हर रोज कोरोना के दस हजार टेस्ट किए जा रहे हैं, जो कई अखबारों में भी छपी। लेकिन क्या सीएम नीतीश ने पीएम मोदी के सामने सही दावा किया, या झूठ बोला? ये सवाल क्योंकि पीएम के सामने सीएम के दस हजार टेस्ट के दावे के अगले ही दिन बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का दावा ट्विटर पर आता है, जिसमें वो 18 जून यानी एक दिन में 5 हजार टेस्ट होने का दावा करते हैं।  तो क्या माना जाए सीएम नीतीश न...

आसमां को निहारने का शौक रखने वाले सुशांत, आसमां में कहीं खो गए

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चंद महीने पहले तक गिटार पर अपने हाथों को आजमाते सुशांत की ये तस्वीर है। इस तस्वीर को या फिर फिल्मों में बेहतरीन अभिनय करते सुशांत को देखकर कोई भी यही कहेगा कि सुशांत का प्यार सिर्फ एक्टिंग या म्यूजिक रहा होगा। लेकिन सुशांत ना केवल बेहतरीन एक्टर थे, बल्कि उनकी ब्रह्रांड और विज्ञान से जुड़े रहस्यों में गहरी दिलचस्पी थी। जिसका तस्दीक करता है उनका ट्विटर अकाउंट। जिसमें प्रोफाइल पर उन्होंने लिखा था, ‘फोटोन इन अ डबल स्लिट (Photon in a double-slit)। ये लाइन विज्ञान के फलसफे पर ही आधारित था।  सुशांत सिंह राजपूत का TWITTER PROFILE दरअसल Photon in a double-slit एक मशहूर प्रयोग से संबंधित है जिससे प्रकाश और अणुओं के दोहरे स्वभाव का पता चलता है। शायद विज्ञान के इसी फलसफे के मुताबिक था सुशांत का व्यक्तित्व। जो बाहर से शांत था, लेकिन अंदर से किसी गम या दुख को लेकर शायद अशांत। सुशांत एस्ट्रोफिजिक्स और तारों की दुनिया में काफी दिलचस्पी रखते थे। जिसकी तस्दीक करती है भारी भरकम टेलीस्कोप के साथ आसमान को निहारते सुशांत की ये तस्वीर। एडवांस टेलीस्कोप के साथ सुशांत सुशांत का ये विज्ञान प्रेम ही था,...

'पूरब का ऑक्सफोर्ड' अब रैकिंग की दौड़ में हिस्सा लेने के काबिल भी नहीं रहा, बाकी यूनिवर्सिटी की तो बात ही छोड़िए

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14 अक्टूबर 2017 की तारीख याद कीजिए। जब पटना यूनिवर्सिटी के शताब्दी वर्ष समारोह में सीएम नीतीश कुमार, पीएम नरेंद्र मोदी से हाथ जोड़कर पटना यूनिवर्सिटी को केंद्रीय यूनिवर्सिटी का दर्जा देने की मांग करते रहे। जवाब में पीएम मोदी ने 20 टॉप यूनिवर्सिटी को वर्ल्ड क्लास बनाने का सपना दिखाकर बहला दिया। समारोह खत्म, तामझाम खत्म और केंद्रीय यूनिवर्सिटी का दर्जा देने की बात भी खत्म।  लेकिन सोचिए जो नीतीश कुमार खुद पटना यूनिवर्सिटी के प्रोडक्ट हैं। जो नीतीश कुमार पटना यूनिवर्सिटी को केंद्रीय यूनिवर्सिटी का दर्जा देने की मांग करते रहे। आखिर वो यूनिवर्सिटी आज मरणासन्न क्यों है? कभी पूरब का ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाले पटना यूनिवर्सिटी आखिर क्यों देश के टॉप 100 यूनिवर्सिटी की रैकिंग में भी जगह लाने के काबिल नहीं है। जी हां, नेशनल इंस्टीट्यूशन रैंकिंग फ्रेमवर्क यानी NRIF की देश भर के यूनिवर्सिटीज को लेकर ओवरऑल रैकिंग 11 जून को जारी की गई। इसमें पटना यूनिवर्सिटी का कहीं नामोनिशान नहीं है। सबसे हैरानी की बात ये है कि पटना यूनिवर्सिटी इस दौड़ में शामिल ही नहीं हुआ और ये पहली बार नहीं है जब पीयू ने खुद को ...

बिहार में बेरोजगारों की फौज पहले से 38 प्रतिशत बढ़ी , प्रवासी मजदूरों को कहां से मिलेगा रोजगार?

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24 मई को एक क्वारंटीन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूरों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान संवाद के दौरान नीतीश कुमार को मजदूर ने कहा था, नून रोटी खाएंगे, बिहार में रहेंगे, तो जवाब में नीतीश ने भी कहा कि ठीक है, यहीं रहना है। लेकिन सवाल है कि उन मजदूरों को नून रोटी खाने के लिए भी क्या रोजगार मिल पाएगा। ये सवाल इसीलिए क्योंकि बिहार में पहले से ही बेरोजगारों की फौज खड़ी है, जिसे रोजगार देने में सरकार नाकाम रही, तो अब बाहर से लौटे इन 30 लाख मजदूरों को कहां से रोजगार देगी। क्योंकि बेरोजगारी के जो ताजा आंकड़े सामने आए हैं, वो कम से कम यही बताते हैं कि बिहार में रोजगार छोड़िए, नून रोटी पर भी आफत आ जाएगी। खास तौर पर तब जब बेरोजगारी की बोझ तले बिहार में करीब 30 लाख प्रवासी मजदूर भी लौट आए हैं और वो भी रोजगार की आस में नीतीश की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं। तो सबसे पहले वो आंकड़े बताते हैं जिसके बारे में शायद अब तक आपको किसी ने नही बताया हो। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इकोनॉमी यानी CMIE ने अप्रैल 2020 का बेरोजगारी का आंकड़ा पेश किया है। उसके मुताबिक बिहार में बेरोजगारी के आंकड़ों में पिछले दो सालों में 40.2 प्...

...तो वोटबैंक की वजह से हुआ बिहार के स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार का तबादला !

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संजय कुमार, ये वो नाम है जो 20 मई को अचानक बिहार के गलियारे में चर्चा का विषय बन गया। ईमानदार और कर्मठ अधिकारियों की फेहरिस्त में बड़ा नाम माना जाता है संजय कुमार को। लेकिन बिहार में एक तरफ जहां कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे थे ,  ठीक उसी दौरान स्वास्थ्य सचिव के तौर पर जिम्मेदारी संभाल रहे संजय कुमार के तबादले की खबर ने सबको हैरान कर दिया। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार का तबादला पर्यटन विभाग में कर दिया। संजय कुमार ने खुद ट्विटर पर इसकी सूचना 21 मई को साझा करते हुए 100 बेड के  SKMCH  अस्पताल मुजफ्फपुर की तस्वीर पोस्ट की और जाते-जाते इसे अपनी उपलब्धियों में जोड़ लिया। इस अस्पताल का उद्घाटन चंद दिनों बाद 6 जून को सीएम नीतीश ने किया।  संजय कुमार के इस विदाई ट्वीट के जवाब में सभी लोगों ने उनके काम को सराहा। साथ ही उनके गंदी राजनीति के शिकार होने की बात कही। इसके अलावा रोजाना कोरोना को लेकर अपडेट को लेकर भी उनकी तारीफ की।  इससे संजय कुमार की लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है। इसके अलावा सीएम नीतीश कुमार के चहेते अधिकारियों में से एक माने जाते थे...