बिहार:- शिक्षा बजट में कंजूसी ! बहाल होने वाले सवा लाख शिक्षकों को वेतन कैसे देगी सरकार?

 


एक तरफ तो शिक्षा मंत्री विजय चौधरी सवा लाख शिक्षकों की नियुक्ति की तैयारी का दावा कर रहे हैं। छठे चरण के बाद सातवें चरण के तह नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द शुरु करने का दावा है। लेकिन सवाल है कि क्या नए बहाल होने वाले सवा लाख शिक्षकों के लिए सरकार के पास बजट है। सवाल के जवाब के लिए लोगों की नज़रें टिकी थीं सोमवार को पेश हुए बजट पर और जब बजट पेश किया गया तो सवाल के जवाब में निराशा ही हाथ लगी।

सोमवार को वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बजट आकार में 19 हज़ार करोड़ की बढ़ोतरी के साथ 2 लाख 37 हज़ार 691 करोड़ का बजट पेश किया गया। वैसे तो 6 सूत्री लक्ष्यों को फोकस करते हुए बजट को बताया गया, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, समाज कल्याण और आधारभूत सरंचना शामिल है। लेकिन आंकड़ों की बाजीगरी और खेल में वित्त मंत्री ने ये नहीं बताया कि वो नए नियुक्त शिक्षक और आने वाले दिनों में नियुक्त होने वाले सवा लाख शिक्षकों को वेतन कहां से देंगे? ये सवाल इसीलिए क्योंकि हर साल की तरह इस साल भी भले ही बजट का सबसे ज्यादा हिस्सा शिक्षा पर खर्च किया जाएगा। लेकिन ये सुनने में सिर्फ अच्छा लगता है। हकीकत में पिछले साल के मुकाबले शिक्षा विभाग के बजट में कंजूसी ही बरती गई।


पिछले साल 2021-22 बजट में शिक्षा विभाग के लिए 38 हजार 035 करोड़ का प्रावधान किया गया था। जबकि 2022-23 बजट में शिक्षा विभाग को 39 हज़ार 191 करोड़ दिया गया है। यानी शिक्षा विभाग के बजट में पिछले साल के मुकाबले सिर्फ 1156 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है। इसे अगर दूसरे नज़रिए से देखें तो शिक्षा के बजट में कटौती ही की गई है। 2021-22 में 2.18 लाख करोड़ के बजट में 17 % हिस्सा शिक्षा के लिए 2022-23 में 2.37 लाख करोड़ के बजट में 16.5 % हिस्सा शिक्षा के लिए। मतलब प्रतिशत में देखें तो शिक्षा के बजट में पिछली बार के मुकाबले में 0.5 प्रतिशत कटौती ही हुई है। ये कटौती तब की गई है, जबकि छठे चरण के तहत 42 हजार नए शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है, जिनके वेतन पर राज्यांश मद से 40 फीसदी का खर्चा राज्य सरकार को देना होगा। जिस पर लगभग 11 सौ करोड़ खर्च होने का अनुमान है। छठे चरण में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों के 32714 पदों पर नियुक्ति बाकी है। वहीं छठे चरण में प्राथमिक शिक्षकों के 47000 से ज्यादा और माध्यमिक उच्च माध्यमिक शिक्षकों के लगभग 25000 पद खाली रह जाएंगे। जिसे सातवें चरण की बहाली में जोड़ा जाएगा। यानी आने वाले दिनों में 1 लाख 4 हजार 714 शिक्षकों की बहाली होनी है। जिसमें प्राथमिक शिक्षकों के 47 हजार शिक्षकों के वेतन के लिए करीब 1600 करोड़ की जरूरत होगी। यानी छठे चरण और सातवें चरण के कुल 89 हजार शिक्षकों के वेतन के लिए करीब 2700 करोड़ की जरूरत होगी। वहीं छठे और सातवें चरण के तहत माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों के कुल 57714 शिक्षकों के वेतन के लिए करीब 2800 करोड़ की जरूरत होगी। यानी आने वाले दिनों में नए बहाल होने वाले कुल 1,46,714 शिक्षकों के वेतन के लिए करीब 5500 करोड़ की अतिरिक्त जरूरत होगी। यानी पिछले बजट 38 हज़ार करोड़ के अलावा 5500 करोड़ सिर्फ नए शिक्षकों के वेतन के लिए ही चाहिए। लेकिन बजट में सिर्फ 1156 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है। जबकि शिक्षा विभाग के 39 हजार 191 करोड़ में 7,910 करोड़ स्कूल निर्माण पर खर्च करने का प्रावधान हैं। 

यानी स्कूल निर्माण को छोड़ दें तो शिक्षा विभाग के पास 31,281 करोड़ बचता है। जिसमें मौजूदा 3 लाख 83 हजार शिक्षकों के वेतन देने और बाकी खर्च का भी प्रावधान है। सवाल है कि नए बहाल होने वाले शिक्षकों के लिए बजट में प्रावधान क्यों नहीं किया गया। आखिर नए बहाल होने वाले करीब 1 लाख 42 हजार शिक्षकों को वेतन कहां से देगी सरकार? क्या नए शिक्षकों को वेतन देने को लेकर राज्य सरकार के पास कोई योजना हैये सवाल इसीलिए भी अहम हो जाते हैं क्योंकि पहले से ही नियुक्त शिक्षकों को वेतन देने में 2 से 3 महीने की देरी हो रही है। सवाल ये भी कि सरकार के पास सातवें चरण की नियुक्ति को लेकर क्या प्लान है?

 

 

टिप्पणियाँ

  1. बिहार सरकार शिक्षा विभाग से ये सवाल है आज के बजट के बाद बिहार में सवा लाख शिक्षक का वेतन भुगतान में सरकार सक्षम है सर हां तो बता दें नहीं तो ये जुमलेबाजी कब तक

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  2. बिहार सरकार से सर सवाल मजबूती से होनी चाहिए ।

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  3. बिहार सरकार से यह सवाल हम 7वें चरण के अभ्यर्थी तो पूछेंगे हीं, साथ में मीडिया कर्मी और बुद्धिजीवी जन को भी यह सवाल सरकार से पूछना चाहिए।

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  4. बड़ा ज्वलंत सवाल है सरकार और शिक्षा विभाग से शिक्षा के हित में मिडिया द्वारा सवाल का जवाब लेना चाहिए

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  5. सर एक जबर दस्त interview लिया जाए हम लोग 7th फेज प्राइमरी के लिए 3साल से सारी अहर्ताएं रखते हुए कब तक बेरोज गार बैठे गे
    7th phase आये गा की ऐसे जुमलेबाजी और 7th phase वाले से धोखा,सर please स्पस्ट कराये सर रोना आ रहा है बैंक लोन भी नहीं दे रहा है ताकि कोई भारे की दुकान चला कर बूढी माँ, बाप को सेबा करू अपना जीना भी दूसबार हो गया है सर Please सर question करे मंत्रि जी से

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  6. सरकार की मंशा साफ है, बहाली को जितना हो सके कई महीनों या साल तक फंसा के रखना है। फिर जिस साल शिक्षकों कि बहाली होंगी उस साल के बजट में शिक्षा के ऊपर और कुछ खर्च करना है। उनको आम जनता से क्या! कई अभ्यार्थियों ने इक इक पाई जोड़ कर दो से ढाई लाख में बीएड किया, स्टेट पास किया ताकि उनको नौकरी मिल सके। ज़ब तक बहाली निकलेगी कई की उम्रसीमा समाप्त हो जायेगी। लेकिन इससे भी उनको क्या! जब वोट मांगने का समय आये तब जनता नज़र आती है उनको।

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  7. Jald se jald 7 phases ki notification Dene ki baat ki jaye. Media se gujaris h ki is mudde pe Sarkar se sawal kre hm sab saathi aapka aabhari rahenge Sumit ji

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