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बब्बनराव कदम बार-बार एक रघु पैदा करेगा, आप पर जुल्म करेगा , फिर एनकाउंटर में रघु मरेगा और आप बब्बनराव के लिए ताली बजाते रहेंगे

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फिल्म वास्तव आपमें से बहुत ने देखी होगी। फिल्म के एक सीन के ये दो छोटे हिस्से देखिए। विकास दुबे में आपको वास्तव का रघु नज़र आएगा, जिसे 20 सालों तक किसी बब्बनराव कदम ने पाला-पोसा, उसके आतंक को शह दिया और कुर्सी बचाता रहा। लेकिन जब रघु का काम खत्म तो उसे मार दिया फिर कोई और रघु आ गया। रील लाइक का ये सीन रियल लाइफ से ही प्रभावित है। लेकिन ना रील लाइफ में और ना रियल लाइफ में बब्बनराव कदम बेनकाब हो पाता है। विकास दुबे सोचिए जिस विकास दुबे का दबदबा पिछले 25 सालों में यूपी में हमेशा बना रहा, चाहे सरकार बसपा की हो, सपा की हो या भाजपा की। विकास का रसूख और दबदबा हमेशा कायम रहा। उसके दबदबे का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि साल 2001 में बीजेपी नेता और तत्कालीन राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त संतोष शुक्ला को दौड़ाकर शिवली पुलिस थाने ले गया और थाने के अंदर पुलिसवालों के सामने बेरहमी से मार डाला। विकास दुबे और संतोष शुक्ला लेकिन फिर भी सबूतों और गवाहों की कमी के कारण वो बरी हो गया और उसका बाल भी बांका नहीं हुआ। बाकी उसके आतंक की फेहरिस्त में हत्या, अपहरण जैसे 65 से ज्यादा मामले दर्ज हैं, लेकिन अब तक...

सीएम दे रहे हैं 15 हजार का टारगेट, डिप्टी सीएम 9 हजार का कर रहे हैं दावा और स्वास्थ्य विभाग 5 हजार जांच पर फुस्स है। बधाई हो ! कोरोना जांच में बिहार नीचे से टॉप पर है।

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नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत का 4 जुलाई को किया ये ट्वीट देखिए और कोरोना टेस्ट को लेकर राज्यों की लिस्ट में बिहार का नाम ढूंढिए। बिहार का नाम आपको सबसे नीचे मिलेगा। तो गर्व कीजिए क्योंकि बिहार कोरोना टेस्ट को लेकर देश के 19 राज्यों में एक बार फिर नीचे से टॉप पर है। यहां तक कि करीब 12 करोड़ की आबादी वाला बिहार, कोरोना टेस्ट के मामले में सवा 3 करोड़ की आबादी वाले झारखंड से भी नीचे है।  नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत की ओर से जारी इस आंकड़े के मुताबिक बिहार में 10 लाख की आबादी पर सिर्फ 2 हजार 197 टेस्ट हो रहे हैं, जबकि दिल्ली 10 लाख की आबादी पर 32 हजार 863 टेस्ट के साथ सबसे ऊपर है। दिल्ली के मुकाबले बिहार में कोरोना जांच 15 गुना कम है। यहां तक कि बिहार से छोटा और पड़ोसी राज्य झारखंड भी दस लाख की आबादी पर 4,416 टेस्ट कर रहा है। जबकि तेलंगाना में ये आंकड़ा 2,637 प्रति दस लाख की आबादी के टेस्ट के साथ बिहार से ऊपर है। वहीं पड़ोसी राज्य यूपी में दस लाख की आबादी पर 3 हजार 798 टेस्ट हो रहे हैं।  लेकिन हैरानी और शर्म की बात ये है कि सत्ता में बैठे हुक्मरान बड़ी बेशर्मी से कामयाबी का ढोल ...

बिहार में 28,391 लोगों पर एक डॉक्टर, लेकिन VVIP के लिए डॉक्टरों की फौज लगा दी जाती है

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पीएमसीएच अधीक्षक का आदेश पीएमसीएच अधीक्षक की ओर से जारी यही वो आदेश है, जिसे लेकर बिहार की सियासत मंगलवार को दिन भर गर्म रही। दरअसल सीएम नीतीश कुमार की भतीजी कोरोना संक्रमित पाई गईं। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से सीएम आवास में वेंटिलेटर युक्त अस्पताल के संचालन के लिए 6 सीनियर डॉक्टरों और तीन ए ग्रेड नर्सों की तैनाती करने का आदेश दिया गया। इस आदेश पत्र के सामने आते ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को नीतीश कुमार पर हमला करने का मौका मिल गया। तेजस्वी के सवाल के पीछे भले ही सियासत हो, लेकिन सच ये भी है कि बिहार में डॉक्टरों की भारी कमी है। एक आंकड़े के मुताबिक बिहार में 28,391 लोगों पर सिर्फ एक डॉक्टर हैं। वहीं 8 हजार 645 लोगों की आबादी पर अस्पताल का एक बेड है। अब जिस बिहार में डॉक्टरों की भारी कमी हो और अस्पताल में बेड की किल्लत। वहां सीएम के लिए अलग अस्पताल की व्यवस्था और डॉक्टरों की नियुक्ति सवाल खड़े करती है, वो भी तब जब बिहार में कोरोना की रफ्तार तेज है। ऐसे में इन सवालों से सरकार की फजीहत होने लगी। सो आनन फानन में स्वास्थ्य विभाग ने सीएम आवास में अस्पताल और डॉक्टरों की नियुक्ति क...

जिस IAS के लिए जेडीयू दफ्तर में जिंदाबाद के नारे लगे थे, जिसे नीतीश के सिपहसालार ने माला पहनाया था, जिसे नीतीश ने चुनाव लड़वाया था, आज सीबीआई ने सृजन घोटाले में उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी

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2000 करोड़ के सृजन घोटाले में चार्जशीट, 5 करोड़ से ज्यादा के महादलित विकास मिशन के ट्रेनिंग घोटाले में चार्जशीट, भूमि विवाद न्यायधिकरण में सदस्य रहते हुए विवादित फैसले, कई बार गिरफ्तारी वारंट, फिर भी एक बार जेल नहीं गए के पी रमैया 6 साल पहले 4 मार्च 2014 की तस्वीर शायद ही आपको याद हो, लेकिन इस तस्वीर को ज़रा गौर से देखिए और चेहरों को पहचानिए। पटना स्थित जेडीयू कार्यालय की इस तस्वीर में जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, प्रवक्ता संजय सिंह, मंत्री श्याम रजक, प्रवक्ता राजीव रंजन नज़र आ रहे होंगे। और वशिष्ठ नारायण सिंह के ठीक बगल में जो शख्स बैठे हैं और जिन्हें माला पहनाया जा रहा है वो हैं के पी रमैया, बिहार के पूर्व IAS अधिकारी। ये उस वक्त की तस्वीर है, जब के पी रमैया VRS लेकर जेडीयू ज्वाइन किया था और पूरे ताम झाम के साथ जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने ना सिर्फ स्वागत किया था, बल्कि के पी रमैया जिंदाबाद के नारे भी लगे थे और फिर वशिष्ठ बाबू ने के पी रमैया के IAS रहते हुए किए काम की तारीफों के पुल भी बांधे थे ज़रा वो भी सुनिए। इसके बाद के पी रमैया को नीतीश ने 2014 ...

....तो क्या बिहार में घोटालों की लिस्ट में एक और घोटाले का नाम जुड़ेगा? MLC के लिए बनाए आवास की हालत तो यही बता रही है

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18 नवंबर 2019 की ये तस्वीर है, जब पूरे तामझाम के साथ बिहार के विधानपार्षदों को आर ब्लॉक इलाके में बनाए गए आलीशान डुप्लेक्स फ्लैट की चाबी खुद सीएम नीतीश कुमार ने दी थी। उस वक्त सीएम के हाथों फ्लैट की चाबी लेने वालों में कांग्रेस MLC प्रेमचंद्र मिश्रा भी थे, जिनके चेहरे पर मुस्कान थी, और सरकार के लिए धन्यवाद के शब्द।  लेकिन 7 महीने बाद ही कांग्रेस एमएलएसी प्रेमचंद्र मिश्रा विधानपार्षदों के लिए बनाए गए इस आलीशान आवास के निर्माण में लूट खसोट का आरोप लगा रहे हैं। वजह हैं ये तस्वीरें। देखिए कैसे पहली बारिश ने ही इस नए और मॉडर्न डुप्लेक्स के निर्माण की पोल खोल दी है... कई आवासों में जगह-जगह दीवारों पर दरार पड़ गए हैं.... हालत ये है कि पहली बारिश में ही छत टपकने लगी है.... बेडरुम से लेकर किचन, डायनिंग हॉल और बाथ रुम तक बारिश के पानी से सुरक्षित नहीं है। कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने घटिया निर्माण को लेकर सवाल उठाए हुए भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखा है, और जांच की मांग की है। अब जान लीजिए विधान पार्षदों के आवास में क्या क्या खासियत है और कितना खर्च हुआ है।  पटना क...

कोरोना के 10 हजार टेस्ट पर ही स्वास्थ्य मंत्री के दावे हो गए फुस्स, सीएम नीतीश दिखा रहे हैं 20 हजार टेस्ट का सपना

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नेताओं के बारे में वैसे कहा जाता है कि उनकी जुबां से निकली बात सिर्फ और सिर्फ जुमला ही होती है। एक बार फिर ये साबित किया है बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने। 5 जून को मंत्री जी ने ट्वीट कर बड़े दमखम से दावा किया था कि 20 जून तक दस हजार जांच की क्षमता का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। लेकिन 20 जून को जब मंत्री जी का ट्वीट खंगाला गया तो खोदा पहाड़ निकला चुहिया वाली कहावत चरितार्थ हो गई। आप खुद देखिए कैसे स्वास्थ्य मंत्री 20 जून को ट्वीट कर कहते हैं कि आज 5600 सैंपल की जांच हुई वो भी लगभग में।  लेकिन इसमें भी मंत्री जी को अपनी उपलब्धि नज़र आ रही है। लेकिन हकीकत ये है कि उन्होने जो दावा किया था, वो ना सिर्फ फुस्स हो गया, बल्कि दस हजार के लक्ष्य से करीब आधे ही रहा। अब पता नहीं मंत्री जी किस मुख से दोबारा दावा करेंगे। लेकिन मामला यहीं नहीं खत्म होता है। बिहार के सुशासन में इतना गड़बड़झाला है कि स्वास्थ्य मंत्री दस हजार के लक्ष्य से आधे पर ही फुस्स हो जा रहे हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं कि ना सिर्फ पीएम के सामने ये दावा करते हैं कि दस हजार टेस्ट हर रोज हो रहे हैं, बल्कि वो...

...तो सीएम नीतीश ने बिहार में कोरोना टेस्ट को लेकर पीएम मोदी से झूठ बोला? कोरोना टेस्ट को लेकर स्वास्थ्य मंत्री के दावे भी झूठे हैं?

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12 मई का बिहार के सीएम नीतीश कुमार का ये ट्वीट देखिए और 12 मई को समीक्षा बैठक में सीएम  के दिए निर्देशों को पढ़िए। साफ लिखा है कि सीएम ने अधिकारियों को बिहार भर में हर रोज कोरोना के टेस्ट की संख्या दस हजार तक पहुंचाने का निर्देश दिया है। लेकिन क्या सीएम के उस निर्देश का पालन एक महीने से ज्यादा बीत जाने के बाद भी हुआ। क्या सीएम नीतीश खुद अपने दिए गए निर्देशों को लेकर गंभीर हैं?  ये सवाल इसीलिए क्योंकि 17 जून को सीएम नीतीश ने पीएम मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में कोरोना को लेकर समीक्षा बैठक की। इस बैठक में बिहार को लेकर सीएम नीतीश ने दावे किए कि बिहार में हर रोज कोरोना के दस हजार टेस्ट किए जा रहे हैं, जो कई अखबारों में भी छपी। लेकिन क्या सीएम नीतीश ने पीएम मोदी के सामने सही दावा किया, या झूठ बोला? ये सवाल क्योंकि पीएम के सामने सीएम के दस हजार टेस्ट के दावे के अगले ही दिन बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का दावा ट्विटर पर आता है, जिसमें वो 18 जून यानी एक दिन में 5 हजार टेस्ट होने का दावा करते हैं।  तो क्या माना जाए सीएम नीतीश न...

आसमां को निहारने का शौक रखने वाले सुशांत, आसमां में कहीं खो गए

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चंद महीने पहले तक गिटार पर अपने हाथों को आजमाते सुशांत की ये तस्वीर है। इस तस्वीर को या फिर फिल्मों में बेहतरीन अभिनय करते सुशांत को देखकर कोई भी यही कहेगा कि सुशांत का प्यार सिर्फ एक्टिंग या म्यूजिक रहा होगा। लेकिन सुशांत ना केवल बेहतरीन एक्टर थे, बल्कि उनकी ब्रह्रांड और विज्ञान से जुड़े रहस्यों में गहरी दिलचस्पी थी। जिसका तस्दीक करता है उनका ट्विटर अकाउंट। जिसमें प्रोफाइल पर उन्होंने लिखा था, ‘फोटोन इन अ डबल स्लिट (Photon in a double-slit)। ये लाइन विज्ञान के फलसफे पर ही आधारित था।  सुशांत सिंह राजपूत का TWITTER PROFILE दरअसल Photon in a double-slit एक मशहूर प्रयोग से संबंधित है जिससे प्रकाश और अणुओं के दोहरे स्वभाव का पता चलता है। शायद विज्ञान के इसी फलसफे के मुताबिक था सुशांत का व्यक्तित्व। जो बाहर से शांत था, लेकिन अंदर से किसी गम या दुख को लेकर शायद अशांत। सुशांत एस्ट्रोफिजिक्स और तारों की दुनिया में काफी दिलचस्पी रखते थे। जिसकी तस्दीक करती है भारी भरकम टेलीस्कोप के साथ आसमान को निहारते सुशांत की ये तस्वीर। एडवांस टेलीस्कोप के साथ सुशांत सुशांत का ये विज्ञान प्रेम ही था,...

'पूरब का ऑक्सफोर्ड' अब रैकिंग की दौड़ में हिस्सा लेने के काबिल भी नहीं रहा, बाकी यूनिवर्सिटी की तो बात ही छोड़िए

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14 अक्टूबर 2017 की तारीख याद कीजिए। जब पटना यूनिवर्सिटी के शताब्दी वर्ष समारोह में सीएम नीतीश कुमार, पीएम नरेंद्र मोदी से हाथ जोड़कर पटना यूनिवर्सिटी को केंद्रीय यूनिवर्सिटी का दर्जा देने की मांग करते रहे। जवाब में पीएम मोदी ने 20 टॉप यूनिवर्सिटी को वर्ल्ड क्लास बनाने का सपना दिखाकर बहला दिया। समारोह खत्म, तामझाम खत्म और केंद्रीय यूनिवर्सिटी का दर्जा देने की बात भी खत्म।  लेकिन सोचिए जो नीतीश कुमार खुद पटना यूनिवर्सिटी के प्रोडक्ट हैं। जो नीतीश कुमार पटना यूनिवर्सिटी को केंद्रीय यूनिवर्सिटी का दर्जा देने की मांग करते रहे। आखिर वो यूनिवर्सिटी आज मरणासन्न क्यों है? कभी पूरब का ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाले पटना यूनिवर्सिटी आखिर क्यों देश के टॉप 100 यूनिवर्सिटी की रैकिंग में भी जगह लाने के काबिल नहीं है। जी हां, नेशनल इंस्टीट्यूशन रैंकिंग फ्रेमवर्क यानी NRIF की देश भर के यूनिवर्सिटीज को लेकर ओवरऑल रैकिंग 11 जून को जारी की गई। इसमें पटना यूनिवर्सिटी का कहीं नामोनिशान नहीं है। सबसे हैरानी की बात ये है कि पटना यूनिवर्सिटी इस दौड़ में शामिल ही नहीं हुआ और ये पहली बार नहीं है जब पीयू ने खुद को ...