आसमां को निहारने का शौक रखने वाले सुशांत, आसमां में कहीं खो गए



चंद महीने पहले तक गिटार पर अपने हाथों को आजमाते सुशांत की ये तस्वीर है। इस तस्वीर को या फिर फिल्मों में बेहतरीन अभिनय करते सुशांत को देखकर कोई भी यही कहेगा कि सुशांत का प्यार सिर्फ एक्टिंग या म्यूजिक रहा होगा। लेकिन सुशांत ना केवल बेहतरीन एक्टर थे, बल्कि उनकी ब्रह्रांड और विज्ञान से जुड़े रहस्यों में गहरी दिलचस्पी थी। जिसका तस्दीक करता है उनका ट्विटर अकाउंट। जिसमें प्रोफाइल पर उन्होंने लिखा था, ‘फोटोन इन अ डबल स्लिट (Photon in a double-slit)। ये लाइन विज्ञान के फलसफे पर ही आधारित था। 

सुशांत सिंह राजपूत का TWITTER PROFILE

दरअसल Photon in a double-slit एक मशहूर प्रयोग से संबंधित है जिससे प्रकाश और अणुओं के दोहरे स्वभाव का पता चलता है। शायद विज्ञान के इसी फलसफे के मुताबिक था सुशांत का व्यक्तित्व। जो बाहर से शांत था, लेकिन अंदर से किसी गम या दुख को लेकर शायद अशांत। सुशांत एस्ट्रोफिजिक्स और तारों की दुनिया में काफी दिलचस्पी रखते थे। जिसकी तस्दीक करती है भारी भरकम टेलीस्कोप के साथ आसमान को निहारते सुशांत की ये तस्वीर।
एडवांस टेलीस्कोप के साथ सुशांत



सुशांत का ये विज्ञान प्रेम ही था, कि सुशांत ने LX-600 नाम का टेलीस्कोप खरीदा था। इस टेलीस्कोप को दुनिया के सबसे एडवांस टेलीस्कोप में से एक माना जाता है। इस टेलीस्कोप को एस्ट्रोफोटोग्राफी के क्षेत्र में एक बड़ा कदम माना जाता रहा है। सुशांत ने अपने इस टेलीस्कोप को अपने सी फेसिंग घर के बाहर लगाया हुआ था और इसके सहारे वे शनि ग्रह के छल्ले तक देख सकते थे। 




विज्ञान से सुशांत को कितना लगाव था, इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उनके पास थियोरेटिकल फिजिक्स की लगभग 125 किताबें थीं और वे हमेशा से ही ब्लैक होल और वॉर्म होल से जुड़ी थ्योरीज को लेकर काफी पैशनेट रहे थे।



वैसे भी सुशांत पढ़ाई में एक अव्वल छात्र रहे थे। सुशांत ने इंजिनियरिंग की पढाई बीच में ही छोड़ कर एक्टिंग को अपने करियर के रूप में चुना था। उन्होंने फिजिक्स का नेशनल ओलंपियाड भी जीता था। लेकिन मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ने के बाद भी उन्होंने विज्ञान से खुद को अलग नहीं किया था। आसमान को करीब से निहारने का शौक रखने वाले सुशांत आज खुद कहीं आसमां में खो गए।


टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

बिहार:- शिक्षा बजट में कंजूसी ! बहाल होने वाले सवा लाख शिक्षकों को वेतन कैसे देगी सरकार?

7 वें चरण की बहाली पर खामोश क्यों है सरकार?

बिना प्रदर्शन के बहाली के लिए सिस्टम की नींद क्यों नहीं खुलती है?

बिहारियों को फ्लॉवर समझा है क्या?